PM मोदी ने कहा है कि भारत समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में प्रगति के लिए बहुत गंभीर है और विश्व में समुद्री अर्थव्यवस्था के रूप में अग्रणी भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में स्वभाविक रूप से अगुवा होने के कारण जल्द ही समुद्री अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए बड़ी सफलता हासिल कर लेगा। श्री मोदी ने कहा कि सरकार विभिन्न सुधारों के माध्यमों से समुद्री ढांचागत सुविधाएं तैयार करने पर जोर दे रही है।
प्रधानमंत्री ने आज वीडियो काफ्रेस के जरिए तीन दिवसीय मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में बुनियादी ढांचे के उन्नयन पर ध्यान केन्द्रित कर रही है और इसके साथ ही समुद्री अर्थव्यवस्था में सुधार को बढावा दे रही है। उन्होंने कहा कि इन उपायों से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
अर्थव्यवस्था के विकास के लिए समुद्री क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि तटीय आर्थिक क्षेत्र के साथ बंदरगाहों के एकीकरण, बंदरगाह आधारित स्मार्ट शहर का निर्माण और बंदरगाहों के निकट वैश्विक विनिर्माण गतिविधयां शुरू करना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेश करने योग्य चार सौ से अधिक परियोजनाओं की सूची तैयार की है, जिनमें 31 अरब डॉलर के निवेश की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 82 अरब डॉलर की पांच सौ 74 परियोजनाएं सागर माला परियोजना के तहत चिन्हित की गई हैं। उन्होंने कहा कि द्वीपीय बुनियादी ढांचा और पारिस्थिकी तंत्र के विकास की शुरुआत हो गई है। सरकार प्रमुख बंदरगाहों पर नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि समुद्री यातायात के क्षेत्र में सरकार ने अभूतपूर्व निवेश किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छ: वर्षों में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि 2030 तक सरकार ने 23 जलमार्गों के क्रियान्वयन का लक्ष्य रखा है। भारतीय बंदरगाहों पर प्रतीक्षा समय में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 78 लाइट हाउस के पास पर्यटन विकास की कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय और निजी क्षेत्र से बंदरगाहों के लिए निवेश करने की अपील की।